Skip to content
  • FACEBOOK
  • YOUTUBE
  • TWITTER

Mridultulika

A Gentle Brush to Paint Your Life

  • BOOKS
  • NOTES
    • BEEHIVE
    • FIRST FLIGHT
    • FLAMINGO
    • UGC NET NOTES
  • NOTES II
    • HISTORY
    • OPINIONS
    • POLITY
    • SCIENCE
  • TRENDING
    • CONFLICTS
    • SPONSORED
  • Toggle search form
  • rape
    Why Crimes against SC/ST are Increasing ? TRENDING
  • Nigeria
    Conflict in Nigeria – Boko Haram CONFLICTS
  • Yemen
    Conflict in Yemen – A Crisis CONFLICTS
  • Ukraine
    Ukraine-Russian Military Conflict CONFLICTS
  • CYCLONE
    Prepare for More Tropical Cyclones in Future: WMO TRENDING
  • west bengal
    PARANORMAL EXPERIENCES I NOTES
  • fire and ice
    Fire and Ice [For Board Examinations] FIRST FLIGHT
  • ANIMALS
    Animals Class 10th [For Board Examinations] FIRST FLIGHT
nature

Nature Post COVID-19, Will We Change Our Approach?

Posted on April 16, 2020October 26, 2021 By Mridultulika
3,078 View

अमलतास के पेड़ पर, अप्रैल के इन गर्म दिनों में अचानक से एक पक्षी की आवाज सुनाई दी जिसे यहां की स्थानीय भाषा में काबर बोला जाता है। कई वर्षों से खामोश काबर की आवाज आज की पीढ़ी को तो शायद पता भी नहीं है। अचानक से घरों के अंदर चिड़िया ने अपना बसेरा खोजना शुरू कर दिया है, जो चिड़िया हमें नजर ही आनी बंद हो गई थी उसका विश्वास मनुष्य पर दोबारा से लौटने लगा है।

Sparrow
Sparrow

शहर की सड़कों पर अचानक से नीलगाय एवं हिरन लौट आए हैं शायद उन्हें लगा है कि यह शहर जहां उनकी जान के दुश्मन लोग रहते हैं अचानक से उनके प्रति इतने मेहरबान क्यों हो गए? आज उन्हें भी सारी दुनिया अपनी सी लगने लग गई है।

बर्फ से सराबोर धौलाधार के बड़े बड़े पर्वत अचानक से जालंधर के लोगों को नजर आने लग गए। शहर से सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित धौलाधार के पर्वतों का नजारा जब जालंधर के लोगों ने अपनी आंखों से देखा तो उन्हें अपनी आंखों पर तनिक भी विश्वास नहीं हुआ ।

अरबों रुपए और अलग-अलग योजनाओं के बावजूद जो गंगा एवं यमुना नदी साफ नहीं हो पाई, अचानक से उनका जल निर्मल और स्वच्छ सा नजर आने लग गया है। भारतीय वन विभाग द्वारा बीते दिनों हिम तेंदुए को देखा गया जो नजर आना ही बंद हो गया था। यह प्रकृति के अंदर आए हुए अचानक बदलाव का नतीजा माना जा रहा है।

Haridwar
Haridwar

बड़े-बड़े शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक हमेशा खतरनाक के स्तर पर रहता है। अचानक से उन बड़े-बड़े शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक अच्छा हो गया है। जिसकी वजह से आसमान का रंग नीला नजर आने लग गया हैं। बड़े शहरों में पलते बच्चों ने शायद किताबों में पढ़ा था कि तारे टिमटिमाते हैं लेकिन अब उनको वह नजारा अपनी आंखों से दिखाई भी दे रहा है।

अगर वायुमंडल विशेषज्ञों की मानें तो कई सालों से जस की तस ओजोन परत ने भी अपने अंदर सुधार करना शुरू कर दिया है। यह कहना तर्क हीन और अवैज्ञानिक लगता है – परंतु सत्य भी लगता है। यह महामारी प्रकृति के क्षोभ, विषाद और मनुष्य के प्रति अपनी नाराजगी से पैदा हुई लगती है। इस महामारी के माध्यम से प्रकृति ने मनुष्य को अपनी ताकत का अहसास कराने का कार्य भी किया है।

“मनुष्य अपनी दृढ़ निश्चय, कुशलता और वैज्ञानिकता से देर सबेर इस महामारी को जीत लेगा लेकिन उसके पश्चात हमारा दृष्टिकोण प्रकृति के प्रति क्या होगा यह सोचने का विषय है?”

अगर आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो जितने लोग इस महामारी के प्रकोप से दुर्भाग्यवश मृत्यु को प्राप्त हुए हैं उससे 10 गुना लोग तो प्रतिदिन इस देश में सड़क हादसों के कारण मर जाते थे। समस्त विश्व में जितने लोग इस महामारी से ग्रसित हैं उससे ज्यादा लोग तो प्रतिवर्ष विश्व में तपेदिक से मर जाते हैं।

लेकिन इस महामारी के संक्रमण को देखते हुए समस्त विश्व बंद है। अर्थव्यवस्था नाजुक दौर से गुजर रही है। सभी लोग अपने घरों के अंदर बैठे हैं और इस समय का प्रयोग वह यह विचार करने के लिए कर सकते हैं कि –

जब यह लोकडाउन खत्म होगा तब हमारा नजरिया इस प्रकृति के प्रति क्या होगा?
  • क्या फिर से हिम तेंदुए, काबर, चिड़िया और असंख्य पक्षी गुमनामी के अंधेरे में खो जायेंगे?
  • क्या सभी जानवर फिर से यह मान बैठेंगे कि वह इस पृथ्वी पर दोयम दर्जे के जीव हैं?
  • क्या फिर से जीवंत होती नदियां जिन्हें भारतवर्ष में माता के रूप में पूजा जाता है फिर से मानवीय मैल और प्रदूषण का शिकार हो जाएंगी?
  • क्या फिर से बच्चों के सामने नीला आकाश और टिमटिमाते हुए तारे एक किताब के तथ्य मात्र रह जाएगे?
  • क्या फिर से धौलाधार के हिम से लदे पर्वत लोगों की निगाह से ओझल हो जाएगे?

बड़े-बड़े शहरों में रहने वाले बच्चे जिन्हें अपने भोजन के साथ धूल और धुआं भी खाने की आदत है, उनके फेफड़े तो बचपन में ही जवाब दे जाते हैं। ऐसे में सांस लेने की तकलीफ को पैदा करने वाली इस महामारी के प्रकोप से वह कैसे बच पाएंगे – यह समझा जा सकता है?

मनुष्य का शरीर भी पांच तत्वों से मिलकर के बना है, और अगर यह सभी तत्व भी प्रदूषित हो तो व्यक्ति के अंदर प्रतिरोधक क्षमता कैसे विकसित होगी? आंकड़े कहते हैं कि जो लोग इस महामारी के प्रकोप से काल का ग्रास बन रहे हैं वह लोग या तो बड़े उम्र के व्यक्ति हैं या वह व्यक्ति हैं जिन्हें सांस से संबंधित कोई बीमारी है।

आज बड़े शहरों में पैदा होने वाला हर बच्चा अपने जीवन के पहले ही वर्ष में नेबुलाइजर से सांस लेने का आदी हो जाता है तो हमे यह सोचना होगा कि आने वाले समय में अगर इस तरह की घटनाएं फिर से घटती है तो वह अपने जीवन को कैसे बचा पाएंगे? जिन क्षेत्रों के रहने वाले लोगों में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है या जहां पर वायुमंडल के अंदर प्रदूषण कम है वहां पर इस बीमारी का प्रकोप बहुत ज्यादा कम देखने को मिल रहा है।

हमें पृथ्वी को फिर से हरा-भरा करना ही होगा। हर बड़े महानगर की परिधि के चारों तरफ तकरीबन 4 किलोमीटर चौड़ा एक वन क्षेत्र, प्रतिबंधित क्षेत्र के रूप में हमें विकसित करना ही होगा ताकि शहर के अंदर उपजा हुआ प्रदूषण इन वन क्षेत्रों की वजह से काबू में किया जा सके। इसके साथ-साथ नदियों के मुहाने पर भी वन क्षेत्र, प्रतिबंधित क्षेत्र के रूप में हमें विकसित करना ही होगा ताकि नदियों में होता हुआ प्रदूषण बचाया जा सके।

“हिंदू वेद पुराणों में यह कथन है कि गंगा स्वर्ग से उतरकर जब पृथ्वी पर आई तो शिव ने उसके तेज प्रवाह को रोकने के लिए उसे अपने केशों में समाहित कर लिया था इसलिए गंगा भारत के लोगों के लिए बहुत ही ज्यादा पवित्र है इसलिए यह समझना बहुत मुश्किल है कि गंगोत्री जो गंगा का उद्गम स्थल माना जाता है वहां पर लोगों ने गंदे नाले इस नदी के अंदर छोड़ रखे हैं।”

सोनी बीबीसी अर्थ पर प्रसारित होने वाले एक डॉक्यूमेंट्री में उपरोक्त शब्द एक विदेशी उद्घोषक से यह सुनकर वाकई में बहुत बुरा लगा।

हमें हमारी प्रकृति को बचाना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हो इस तरह की महामारी हजारों लोगों की जिंदगियां  ना लील जाए इसलिए हमें प्रकृति को अपने से सर्वोपरि मानते हुए उसके लिए कार्य करना होगा।यह एक आंदोलन बनाना होगा ताकि हमारे आने वाली नस्ल भी शुद्ध हवा और पानी का आनंद ले सकें।

Mridultulika is offering aspiring writers a chance to express themselves with beauty of their words – Contact us

Share the content
FacebookXPinterestEmailWhatsAppRedditLinkedIn
TRENDING

Post navigation

Previous Post: How Youth Can Participate in Nation Building?
Next Post: Chail Travelogue: Perfect Hill-Station for Solitude

Live Updates

  • Live Updates from Nigeria
    Northeast Nigeria is worst affected by Boko-Haram Activities. Since 12 years, more than 300000 people have lost their lives, Read for live updates from Nigeria.
  • Live Updates from Afghanistan
    Afghanistan is present in Asian Continent of this world. Due to Taliban, Border Conflict with Pakistan and other issue has made this nations a conflict zone. Read the live updates from Afghanistan.
  • Live Updates from Ethiopia
    Ethiopia is an African country and this is one of the most violent conflict area of the world. Read the latest updates from Ethiopia
  • Live Updates from Yemen
    Yemen is a country in the Middle-East. See the latest updates in this conflict area of the world.
  • Live Updates from Syria
    Syria is a country in the Middle-East and this country is under severe conflict. Read the latest updates from this part of the world.
  • Live Updates From Ukraine
    Ukraine is under Russian attack from 24th February. Read the latest and notable updates froom Ukraine-Russian War.
READ BOARD HINTS
READ BOARD HINTS
Tweets by mridultulika
  • indian
    क्या मैं एक जिम्मेदार भारतीय हूं? – Case Study TRENDING
  • audio-book
    Audio-Books: Great Trend to Follow BOOKS
  • history
    Khalil: The Spirit Rebellion BOOKS
  • Nigeria
    Conflict in Nigeria – Boko Haram CONFLICTS
  • Why Quizzes are Necessary for Academic Excellence? SPONSORED
  • award winning books
    Award Winning Books by Indian Authors BOOKS
  • everest
    International Mount Everest Day Uncategorized
  • farmer
    किसान आंदोलन: आसान भाषा में कुछ मार्मिक प्रश्न TRENDING

© Mridultulika 2019-2021     ABOUT     AUTHOR GUIDELINES     PRIVACY POLICY     CONTACT US     SUBMIT ARTICLES     SUBMIT REVIEWS